ब्रिटेन की नॉर्थम्ब्रिया यूनिवर्सिटी में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे एक 18 वर्षीय भारतीय छात्र उद्कर्ष यादव की घिनौनी हरकत सामने आई है। उद्कर्ष ने एक महिला छात्रा के कमरे में घुसकर उस पर हस्तमैथुन करने की बात स्वीकार की है। यह घटना तब घटी जब पीड़िता छुट्टियों में घर गई हुई थी। न्यूकैसल क्राउन कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई, जहां इस कृत्य को “घृणित और स्वार्थी” बताया गया। उद्कर्ष यादव सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। उसके पिता भारत में कंस्ट्रक्शन का व्यवसाय करते हैं।
घटना गेट्सहेड के ट्रिनिटी स्क्वायर हॉस्टल में हुई, जहां उद्कर्ष यादव ने एक प्रथम वर्ष की महिला छात्र के कमरे में बिना इजाजत प्रवेश किया। महिला छात्र उस समय क्रिसमस की छुट्टियों के लिए अपने परिवार के पास गई थी। जब वह जनवरी की शुरुआत में वापस लौटी, तो उसे अपने कमरे में कुछ किताबें फर्श पर बिखरी हुईं और अपने बिस्तर के कवर तथा तीन जेलीकैट टेडी बेयर पर सफेद रंग का क्रस्टेड पदार्थ मिला। उसने तुरंत यूनिवर्सिटी प्रशासन को इसकी सूचना दी।
हॉस्टल की की-कार्ड एंट्री सिस्टम के डेटा से पता चला कि उद्कर्ष यादव ही वह छात्र था जिसने उस कमरे में प्रवेश किया था। इसके बाद जब डीएनए सैंपल की जांच की गई, तो पुष्टि हो गई कि वही दोषी था। शुरू में उद्कर्ष ने पुलिस से पूछताछ में कुछ नहीं कहा, लेकिन जब डीएनए प्रमाण सामने रखे गए, तो उसने अपराध स्वीकार कर लिया।
न्यूकैसल क्राउन कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील जेनिफर कॉक्सन ने कोर्ट में बताया गया कि उद्कर्ष यादव को इस बात का पता था कि यूनिवर्सिटी के जिम कार्ड में तकनीकी गड़बड़ी के कारण वह सभी कमरों में प्रवेश कर सकता था। उसने इसी का फायदा उठाकर छात्रा के कमरे में प्रवेश किया और उसकी बेडशीट, टेडी बेयर आदि पर हस्तमैथुन किया। उद्कर्ष ने कोर्ट में कहा कि वह “इच्छा से बहक गया था” और उसने जानबूझकर उस कमरे को चुना।
कोर्ट ने उद्कर्ष को 14 महीने की जेल की सजा सुनाई, लेकिन इसे दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही उसे 200 घंटे का अनपेड वर्क (बिना वेतन का श्रम) करने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा छात्र को पीड़िता को नुकसान भरपाई के तौर पर 117 पाउंड (लगभग 12,000 रुपये) देने का निर्देश दिया गया है, जो तीन जैलीकैट सॉफ्ट टॉयज और बेड कवर की कीमत थी।