30 जून 2025 को 18 साल बाद शनि, मंगल और केतु एक साथ प्रभावी होंगे, जिसे ज्योतिष में षडाष्टक और कुजकेतु योग कहा जाता है. यह योग ज्योतिषी मानते हैं कि कई राशियों के लिए अशुभ साबित होता है. खासकर मेष, सिंह और कन्या राशि के जातकों को इस दौरान अधिक सावधानी बरतनी होगी क्योंकि यह योग आर्थिक हानि, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां और पारिवारिक कलह लेकर आ सकता है. दिल्ली के वैदिक ज्योतिष और वास्तु एक्सपर्ट आदित्य झा का कहना है कि, यह स्थिति 30 जून से लेकर 28 जुलाई 2025 तक रहेगी, जो लगभग एक महीने का समय है. इस दौरान गलत फैसले या जल्दबाजी से नुकसान हो सकता है.
मेष राशि पर प्रभाव
मेष राशि के जातकों को इस अवधि में पैसों के लेन-देन में अत्यंत सावधानी बरतनी होगी. जल्दबाजी में लिए गए फैसले आर्थिक नुकसान की स्थिति पैदा कर सकते हैं. व्यापार में साझेदारी करने वालों को विशेष सतर्कता दिखानी होगी. पारिवारिक जीवन में अनबन की संभावना बढ़ेगी और बच्चों की पढ़ाई में भी परेशानियां आ सकती हैं. इसलिए मेष राशि वालों को संयम से काम लेना चाहिए और हर निर्णय सोच-समझ कर लेना चाहिए.
सिंह राशि पर प्रभाव
सिंह राशि के जातकों को इस योग के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. साथ ही आर्थिक दबाव भी बढ़ेगा, जिससे तनाव और चिंता की स्थिति पैदा हो सकती है. कार्यक्षेत्र में भी अपेक्षित सफलता नहीं मिलेगी और मेहनत का उचित फल नहीं मिलेगा. ऐसे में सिंह राशि के लोगों को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना और खर्चों को नियंत्रित करना जरूरी होगा. परिवार और करियर दोनों में संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
कन्या राशि पर प्रभाव
कन्या राशि के जातकों के लिए यह समय काफी चुनौतीपूर्ण रहेगा. शारीरिक स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है और परिवार में तनाव की स्थिति बन सकती है. इसके अलावा, गुप्त शत्रु भी सक्रिय रहेंगे, जो मानसिक दबाव और समस्याएं पैदा कर सकते हैं. सावधानी न बरतने पर कानूनी विवादों का सामना भी करना पड़ सकता है. अतः इस अवधि में विवादों से बचना और किसी भी विवाद में फंसने से बचना हितकर होगा.
