
अंकिता केस के वकील को किया सम्मानित
कई दबाओं के बीच यह एक कठिन मामला था: एडवोकेट अवनीश नेगी
देहरादून
अंकिता हत्याकांड के तीनों दोषियों को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शासकीय अधिवक्ता अवनीश नेगी और केस में सहयोग करने वाले कोटद्वार बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पंत को देहरादून में सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम उत्तराखंड महिला मंच की ओर से प्रेस क्लब में आयोजित किया गया।
उत्तराखंड महिला मंच की ओर से दोनों अधिवक्ताओं को अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर अवनीश नेगी ने कहा कि यह मुकदमा उनके लिए एक कठिन परीक्षा थी। आरोपी वीआईपी थे और दूसरी तरफ से जनता का दबाव था। स्वास्थ्य ठीक न होने के बावजूद उन्होंने अंकिता और उसके मित्र पुष्पदीप के चैट के 5 हजार पेजों का अध्ययन किया। उनमें मुकदमें में काम आने वाले तथ्य तलाशे। पुलिस जांच की रिपोर्ट पढ़ी, तब कहीं जाकर तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दिलाने में सफलता मिल पाई। उन्होंने कहा कि इस मामले में जनता का दबाव एक वकील के रूप में उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण और लगातार मेहनत करने के प्रोत्साहित करने वाला साबित हुआ।
बाद में उन्होंने लोगों के सवालों के जवाब भी दिये। जब उन्हें पूछा गया कि पुलकित आर्य के रिजॉर्ट का एक हिस्सा तुड़वाने वाली विधायक रेनू बिष्ट को क्यों पेश नहीं किया गया तो उनका कहना था कि जो जानकारी रेनू बिष्ट दे सकती थी, वह जेसीबी के ड्राइवर ने दे दी थी। रेनू बिष्ट कुछ ऐसी बातें कह सकती थी, जो मामले में उलझा सकते थे। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में जब भी वकीलों को उनसे ब्रीफिंग की जरूरत होगी, वे हमेशा इसके लिए तैयार रहेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षत करते हुए मुकदमें में सहयोग करने वाले कोटद्वार बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पंत ने कहा कि अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। मामला अभी हाईकोर्ट में जाना है और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में भी जाना पड़ सकता है। जब तक अंकिता को अंतिम रूप से न्याय नहीं मिल जाता, तब तक हम लगातार इस लड़ाई को लड़ते रहेंगे।
इससे पहले उत्तराखंड की महिला मंच की चंद्रकला ने कि इस मामले को विस्तार से बताया। देशभर के महिला संगठनों की फेक्ट फाइंडिंग टीम की सदस्य होने के नाते उन्होंने क्या-क्या महसूस किया, इस बारे उन्हांेने कई जानकारियां की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में टूरिज्म के नाम पर ऐशगाह बनाये जा रहे हैं और इनमें महिलाओं का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने इस मामले में लगातार दबाव बनाने वाले और हर पेशी के दौरान कोटद्वार में प्रदर्शन करने वाले लोगों और जनसंगठनों का आभार जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि अंकिता की हत्या के बाद बिना परिवार की राय लिया और बिना डेडबॉडी को उसकी मां को दिखाये अंतिम संस्कार किया गया। उत्तराखंड की महिला मंच की कमला पंत ने आह्वान किया कि आगे भी लोग इस लड़ाई के दौरान जन दबाव बनाये रखने के लिए तैयार रहें। सतीश धौलाखंड, जयदीप सकलानी, त्रिलोचन भट्ट और नसीमा ने जनगीत प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम में डॉ. उमा भट्ट, माया चिलवाल, निर्मला बिष्ट, पद्मा गुप्ता, भुवनेश्वरी कठैत, अमृतांश बड़थ्वाल, शांता नेगी, विजय नैथानी, शकुंतला मुडेपी, हेमलता नेगी, मंजू बलोदी, रोशन लाल धस्माना, सुरेन्द्र सजवाण, गजेन्द्र भंडारी, समर भंडारी, डॉ. रवि चोपड़ा, नन्द नन्दन पांडेय, मुकेश सेमवाल, राकेश अग्रवाल, हरिओम पाली, तुषार रावत, रजिया बेग, कुसुम रावत, यशवीर आर्य, लताफत हुसैन सहित कई लोग मौजूद थे।
